Skip to main content

Without God bless

राम राम जी 🙏🌹🙏

      श्री स्वामी जी महाराज जी  प्रवचन पीयूष में *राम- कृपा* के अंतर्गत  समझाते है -

              राम कृपा  जो है  यह बड़ी ऊंची चीज़ है । पाप दोष सब *इससे नष्ट होते* हैं ।

       गरुड़ को काकभुशुण्डि जी कहते हैं कि  मैं  अपना अनुभव  कहता हूँ कि  *बिना भजन*  कलेश  दूर नहीं  होता । राम की कृपा  के बिना  उसकी  प्रभुता नहीं  जानी जाती ।

           उसकी कृपा  बड़ी  ऊंची चीज़ है  । बिना उसकी  प्रभुता जाने ,उसकी प्रतीति  नहीं  होती और प्रतीति के  बिना  प्रीति नहीं होती ।

किसी की  महिमा को जाने ,तो ही उसमें  प्रीति होती है ।

               बिना गुरु के क्या  ज्ञान  ?
ज्ञान  क्या  बिना  विराग के  हो सकता है ?
 *क्या  सुख हरि भक्ति के बिना  मिल सकता है?* 

बिना संतोष  के कामनायें नहीं  नष्ट होतीं । जिसमें  *कामना है,*  उसको सपने में भी  *सुख नहीं* ।

क्या  कामना *हरि भजन के बिना* मिट सकती है ?

       मनुष्य  तो इतना बढ़ गया है कि  उसे राॅकेट और कृत्रिम  उपग्रह का  ज्ञान हो गया है । श्रद्धा  बिना  धर्म  नहीं होता,  न ही  कोरी बातों से  होता है  ।

        क्या  शिष्टाचार , ज्ञानी लोगों के *सम्पर्क  बिना* हो सकता है? 
क्या  आत्म -सुख के बिना  *मन स्थिर* हो  सकता है  ?
क्या हवा के  बिना  स्पर्श  हो सकता है ? 

          इसी प्रकार  *हरि भजन  के बिना*  जन्म -मरण के  भय का नाश नहीं  हो सकता  । बिना  विश्वास  के  भक्ति  नहीं  । उस भक्ति के  बिना  कृपा  नहीं  होती  । राम -कृपा  मांगनी चाहिए । इससे  *मन शांत*  होता है । इसी से  *वासना मिटती* है  और शुभ आता है ।

         स्वामी जी महाराज बार बार  समझाते हैं कि सुनार की दुकान पर  कोयला माँगा तो क्या  माँगा। इसी तरह राम दरबार में *राम कृपा को माँगो* ।

 क्रोध, लोभ, मोह-माया, राग - द्वेष, ईर्ष्या *से  मुक्ति  माँगो* । यहाँ  आकर  धन- दौलत ,  शादी ,  बच्चे  यह सब मत माँगो ,*राम जी  से राम  को माँगो* ।
*परम शांति* को  माँगो ।

जय जय राम ।
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम ।

https://play.google.com/store/apps/details?id=swami.satyanand.dharmarth.trust.shreeramsharnam

Comments

Popular posts from this blog

both Like

*मुस्कान और मदद ये दो*          *ऐसे इत्र हैं जिन्हें जितना*         *अधिक आप दूसरों पर*            *छिड़केंगे उतने ही*        *सुगन्धित आप स्वंय होंगे..

देर से ही सही मिलता जरूर है

*_✏अगर रास्ता खूबसूरत है तो,_*                      *_पता कीजिये_*         *_किस मंजिल की तरफ जाता है !_*     *_लेकिन अगर मंजिल खूबसूरत हो तो,_*      *_कभी रास्ते की परवाह मत कीजिये !!_*                 *_मेहनत का फल और_*                    *_समस्या का हल_*         *_देर से ही सही मिलता जरूर है._*

कर्म धर्म में हो भला

कर्म धर्म  में हो भला , पावे  जो शुभ संग । उस पर भक्ति प्रेम का , चढ़े कुसुम्भी रंग ।। सन्त संग में  बैठ कर , सोधे मन  तन चाल। अश्व हस्ति जब 5ही सधे, सुन्दर  चले सुचाल।।0