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We Got All When We Gotted

सतगुरु मिला तो सब मिले, ना तो मिला न कोय ।
मात पिता सूत बान्धवा, यह तो घर घर होय ॥

अर्थ : जिसने एक सच्चा गुरु पा लिया, उसने मानो सारा संसार पा लिया। माता, पिता, बच्चे और दोस्त तो सभी के होते हैं, लेकिन गुरु का भाग्य सबको नहीं मिलता।

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Chudamani Story in Ramayan

रहस्यमई “चूडामणि” का अदभुत रहस्य “ आज हम रामायण में वर्णित चूडामणि की कथा बता रहे है। इस कथा में आप जानेंगे की- १–कहाँ से आई चूडा मणि ? २–किसने दी सीता जी को चूडामणि ? ३–क्यों दिया लंका में हनुमानजी को सीता जी ने चूडामणि ? ४–कैसे हुआ वैष्णो माता का जन्म? चौ.-मातु मोहि दीजे कछु चीन्हा। जैसे रघुनायक मोहि दीन्हा।। चौ–चूडामनि उतारि तब दयऊ। हरष समेत पवनसुत लयऊ।। चूडामणि कहाँ से आई? सागर मंथन से चौदह रत्न निकले, उसी समय सागर से दो देवियों का जन्म हुआ – १– रत्नाकर नन्दिनी २– महालक्ष्मी रत्नाकर नन्दिनी ने अपना तन मन श्री हरि ( विष्णु जी ) को देखते ही समर्पित कर दिया ! जब उनसे मिलने के लिए आगे बढीं तो सागर ने अपनी पुत्री को विश्वकर्मा द्वारा निर्मित दिव्य रत्न जटित चूडा मणि प्रदान की ( जो सुर पूजित मणि से बनी) थी। इतने में महालक्षमी का प्रादुर्भाव हो गया और लक्षमी जी ने विष्णु जी को देखा और मनही मन वरण कर लिया यह देखकर रत्नाकर नन्दिनी मन ही मन अकुलाकर रह गईं सब के मन की बात जानने वाले श्रीहरि रत्नाकर नन्दिनी के पास पहुँचे और धीरे से बोले ,मैं तुम्हारा भाव जानता हूँ, पृथ्व...

Not a Single Situation

जीवन की कोई ऐसी परिस्थिति नहीं जिसे अवसर में ना बदला जा सके। हर परिस्थिति का कुछ ना सन्देश होता है। अगर तुम्हारे पास किसी दिन कुछ खाने को ना हो तो श्री सुदामा जी की तरह प्रभु को धन्यवाद दो "प्रभु आज आपकी कृपा से यह एकादशी जैसा पुण्य मुझे प्राप्त हो रहा है।