*श्री राम*
*प्रार्थना*
*हे परम प्रभु ! सर्वशक्तिमान ! हम तेरी चरण शरण में आए हुए हैं । तेरे द्वार पर खड़े हैं* ।
हे प्रभु! आप अंदर के नेत्र से देखते हो । हम आपके द्वार पर *क्षमा की भीख मांगते हैं* । भूलें तो हमने बहुत की हैं । परंतु आप तो दाता हो , हमारी खाली झोली में भिक्षा डाल दीजिए ।
*परमेश्वर ! हमें क्षमा कीजिए* । आप ही माता ,आप ही पिता ,सखा और मित्र हैं परंतु हम ही माया से ग्रस्त हो कर पीठ कर देते हैं । *आप ही हमारे सब कुछ हो* ।
हमें कहीं ठौर नहीं , हमें पार उतारिए । हमारा आत्म कल्याण हो । हम सब कुछ आपको समर्पित करते हैं । *हमें शांति वरदान दें* ।
*हम आंतरिक नेत्र से देखें* । तेरी कृपा बरसे यही प्रार्थना करते हैं ।
तुझे बार बार नमस्कार
*रामाय नमः श्री रामाय नमः*
*रामाय नमः श्री रामाय नमः*
*परमेश्वर ! अब यह वरदान दीजिए* कि भगवती भगीरथी -भक्ति हम सबके मन में प्रवाहित हो ।
*तेरे और हमारे में जो अंतर है उसको नाम ही दूर कर सकता है* । हे राम !इस भावना से हम तेरा आराधन करते हैं ।
देवाधिदेव! हम तेरे देखते हुए भी भारी भूलें करते हैं । आप अपराधों को सदैव क्षमा करते आए हैं । *हमारे अपराधों को, त्रुटियों को भी क्षमा करना* ।
श्री राम ! हम सब में बसने वाले आप ही हमारे माता -पिता हैं । अपनी त्रुटियों को देखते हुए तो तेरे दरबार में बैठने के हम अधिकारी नहीं । *आंतरिक वस्त्र मैले कुचैले रखते हुए तेरे सामने लज्जा आती है । परंतु बालक जब गंदा होता है और नाक बहती है , फिर भी माँ बच्चे को इस दशा में छाती से लगा लेती है । हम बालक समान हैं , हमें मलिन देखकर भी कृपा करो* ।
*हमें स्वीकार करो माँ , हमें स्वीकार करो*
*राम राम राम राम राम राम*
*प्रार्थना*
*हे परम प्रभु ! सर्वशक्तिमान ! हम तेरी चरण शरण में आए हुए हैं । तेरे द्वार पर खड़े हैं* ।
हे प्रभु! आप अंदर के नेत्र से देखते हो । हम आपके द्वार पर *क्षमा की भीख मांगते हैं* । भूलें तो हमने बहुत की हैं । परंतु आप तो दाता हो , हमारी खाली झोली में भिक्षा डाल दीजिए ।
*परमेश्वर ! हमें क्षमा कीजिए* । आप ही माता ,आप ही पिता ,सखा और मित्र हैं परंतु हम ही माया से ग्रस्त हो कर पीठ कर देते हैं । *आप ही हमारे सब कुछ हो* ।
हमें कहीं ठौर नहीं , हमें पार उतारिए । हमारा आत्म कल्याण हो । हम सब कुछ आपको समर्पित करते हैं । *हमें शांति वरदान दें* ।
*हम आंतरिक नेत्र से देखें* । तेरी कृपा बरसे यही प्रार्थना करते हैं ।
तुझे बार बार नमस्कार
*रामाय नमः श्री रामाय नमः*
*रामाय नमः श्री रामाय नमः*
*परमेश्वर ! अब यह वरदान दीजिए* कि भगवती भगीरथी -भक्ति हम सबके मन में प्रवाहित हो ।
*तेरे और हमारे में जो अंतर है उसको नाम ही दूर कर सकता है* । हे राम !इस भावना से हम तेरा आराधन करते हैं ।
देवाधिदेव! हम तेरे देखते हुए भी भारी भूलें करते हैं । आप अपराधों को सदैव क्षमा करते आए हैं । *हमारे अपराधों को, त्रुटियों को भी क्षमा करना* ।
श्री राम ! हम सब में बसने वाले आप ही हमारे माता -पिता हैं । अपनी त्रुटियों को देखते हुए तो तेरे दरबार में बैठने के हम अधिकारी नहीं । *आंतरिक वस्त्र मैले कुचैले रखते हुए तेरे सामने लज्जा आती है । परंतु बालक जब गंदा होता है और नाक बहती है , फिर भी माँ बच्चे को इस दशा में छाती से लगा लेती है । हम बालक समान हैं , हमें मलिन देखकर भी कृपा करो* ।
*हमें स्वीकार करो माँ , हमें स्वीकार करो*
*राम राम राम राम राम राम*
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