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Payo ji Mene Ram Ratan Dhan Payo

पाया पाया पाया  मैंने  राम  रत्न  धन पाया ,
      जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो

      महाराज जी समझाते हैं स्वामी जी महाराज ने प्रेम के बाद  मधुर मिलाप  का प्रसंग लिया है  । जैसे  वह समझा रहे हो कि " प्रेम के बाद मधुर मिलाप  ज़रूरी है ।"
             स्वामी जी महाराज ने  तभी  कहा है  प्रेम  से आप प्रभु  को अपने वश में  कर  सकते  हो ।  परमात्मा  वश में  तो फिर  मिलाप तो होगा ही ।  परमात्मा  तो तड़पते रहते हैं हमारे  से मिलने के लिए । हम घर में  प्रेम करते हैं  ,  पति से  प्रेम ,बच्चों  से  प्रेम  लेकिन  परमात्मा  से  वैसा प्रेम नहीं  करते । जब तक  अंगुली  अपनी  तरफ रहेगी  तब तक   अनुराग  नहीं  हो सकता । इसी अनुराग  के लिए  परमात्मा  तड़पते हैं ।

 अनुराग  परमात्मा  से  करो । राम  नाम  में  बहुत  बल है  परमात्मा से मधुर मिलाप  करवा के रहेगा ।

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