जीवन की कोई ऐसी परिस्थिति नहीं जिसे अवसर में ना बदला जा सके। हर परिस्थिति का कुछ ना सन्देश होता है। अगर तुम्हारे पास किसी दिन कुछ खाने को ना हो तो श्री सुदामा जी की तरह प्रभु को धन्यवाद दो "प्रभु आज आपकी कृपा से यह एकादशी जैसा पुण्य मुझे प्राप्त हो रहा है।
*मुस्कान और मदद ये दो* *ऐसे इत्र हैं जिन्हें जितना* *अधिक आप दूसरों पर* *छिड़केंगे उतने ही* *सुगन्धित आप स्वंय होंगे..
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