दुःखो की धूप में
छांव बन कर आए हैं।
मेरी हर तकलीफ को आप ने
हर बार अपनाया हैं।।
कैसे करूं आप का
शुक्रिया मेरे सतगुरु
आप ने ही तो मुझ जैसी
कंकर को हीरा बनाया
छांव बन कर आए हैं।
मेरी हर तकलीफ को आप ने
हर बार अपनाया हैं।।
कैसे करूं आप का
शुक्रिया मेरे सतगुरु
आप ने ही तो मुझ जैसी
कंकर को हीरा बनाया
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