भूमि रूचिर रावन सभा अंगद पद महिपाल।
धरम राम नय सीय बल अचल होत सुभ काल।।
(अर्थ-तुलसीदास जी कहते हैं कि पृथ्वी ही रावण की सुन्दर सभा ह,इसमें राजा ही अंगद का पैर है,धर्मरूपी राम और नीतिरूपी सीता के बल से ही वह राजारूपी अंगद का पैर शुभ समय में अचल हो जाता है।
हम राम जी के राम जी हमारे
राम राम जी
धरम राम नय सीय बल अचल होत सुभ काल।।
(अर्थ-तुलसीदास जी कहते हैं कि पृथ्वी ही रावण की सुन्दर सभा ह,इसमें राजा ही अंगद का पैर है,धर्मरूपी राम और नीतिरूपी सीता के बल से ही वह राजारूपी अंगद का पैर शुभ समय में अचल हो जाता है।
हम राम जी के राम जी हमारे
राम राम जी
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