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आवश्यकता हैं सच्चे समर्पण

🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹जो भक्त मेरा आश्रय ग्रहण करता है,मेरा हो जाता है उसका योगक्षेम मैं स्वयं वहन करता हूँ !{श्री मद्भगवद्गीता जी}
अर्जुन हर रात्रि सोने से पहले 51 बार राम नाम की माला फेरा करता ,महाभारत का युद्ध चल रहा था !अर्जुन अपने पक्ष का प्रमुख योद्धा था !अत:अति वयस्त रहा करता !आज जब रात्रि शिविर में पंहुचा तो काफी थका हुआ है !माला फेरने बैठा है पर थकान की वजह से कुछ ही माला फेरते ही नींद आ गयी है ;माला हाथ से छिटक गयी है !थोड़े समय बाद आँख खुली है तो क्या देखते है एक व्यक्ति उनके शिविर में अँधेरे कोने में बैठा है ;पास जा कर देखा श्री कृष्ण आँखे मूंद कर माला फेर रहे है !पूछा माधव आप यहाँ इतनी रात गए ;मुझे बुला लिया होता ;आपने क्यों कष्ट किया !भगवान श्री कहते है :अर्जुन तेरा एक काम अधूरा पड़ा था ;उसे पूरा करने आया हूँ !साधकजनों जो अपने जीवन की बागडोर प्रभु के हाथो सौप देते है ,प्रभु उनके लिए क्या-२ नहीं करते !आवश्यकता हैं सच्चे समर्पण की ;अपने आप तक को प्रभु के चरणों में चढाने की !{श्री महाराज जी} सब बोलो जय शीरी राम जी 🌹🙏🙏🌹

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